हमारी आन बान शान
हमारी जान है हिंदी , हमारी
लेखनी की नोक का
आधार है हिंदी
चिंतन मनन और
गूढ़ अध्ययन हेतु , यह
भारत माँ की भाषा है
जय हिंदी की हो !
हिंदी , हमारी मातृभाषा है ।
बड़ी गरिमामयी हिंदी ,
देवभाषा की जाई है ।
प्राचीन ज्ञान की थाती
देवनागरी में समाई है ।
बड़ा सीधा सरल सा ,
व्यवहार हिंदी का ।
तकनीक संग , कदमताल
जो करती आई है ।
जंबू द्वीप से जापान ,
जर्मनी और युरोप तक ।
निराली शान है इसकी ,
हमारी मान है हिंदी ।
वसुधैव कुटुंब की भावना
का आधार है हिंदी ,
ए आई संग , दुनिया में
अब नया विस्तार है हिंदी !
सुमन शर्मा
मुंबई
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