हे ईश्वर
कृतज्ञ हूँ ,जो मुझे दिया,
पर कैसे मानू आभार ,
क्या भेंट करूँ ? क्या दूँ नजराना ?
बताओ,कैसे अर्ज करूँ? शुक्राना !
शतबार धन्यवाद !
शुक्रिया ,आभार ।
आभार कि मैंने अभी अभी एक साँस ली है ,
शुक्रिया कि इस पल ने मुझे एक आस दी है
शुक्रिया !
मेरे साथ मेरी उम्मीद और भरोसा भी जिंदा हैं
शुक्रिया !
ऊँची उड़ान भरता , मेरा हौसला परिंदा है
शुक्रिया !
प्यास लगे तो पीने को साफ पानी है , धमनियों में मेरे खून की रवानी है ।
भूख लगे तो मिलता है मनचाहा अनाज
बेचैन मन भी सुन लेता है सच की आवाज
धूप, गर्मी , सर्दी और बरखा बहार
इन सब रंगों से हैं मेरा घर गुलजार,
शुक्रिया !
मेरे पास आता जब कोई गम हैं ,
रिश्ते है ऐसे ,जो कहते हैं, हम हैं।
मेरे पास बहुत सी खुशनुमा यादें हैं ,
बनाऊँ यादगार पल ऐसी सौगातें हैं
सोचती हूँ , कैसे दूँ धन्यवाद , जब
पहाड़ों सी ऊँची चुनौतियाँ हैं, तभी
सलामत पैर कहते हैं डरना नहीं ,
डगर कठिन है पर हैं न हम साथ
शुक्रिया !
मेरे पास शब्द है , गीत है ,
और मधुर आवाज है,
सरगम है और साज भी है ।
शुक्रिया !
धन्यवाद और शुक्रिया कह सकूँ ,
ऐसी सोंच और जज़्बात है ।
wow
mast