बनेगी , बिगड़ी बात !
- Suman Sharma
- Oct 1, 2023
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हे गिरधर गोपाल मुरारी ,
आ जाओ , बाके बिहारी ।
संकट हरो ,संकटमोचक !
विध्न हरो , हे गजबदन !
कृपा करो, कृपा करो ,
कृपा करो , त्रिपुरारी !
ऐसे ही टेर लगाते हो न !
निराश होते हो , हार जाते हो ।
उलाहने , शिकायते और नाराजगी दिखाते हो ।
हे मुरारी ! हे त्रिपुरारी !
क्यों ,देखते ही नहीं मेरी ओर ।
यही सोचते हो न ?
इसी भ्रम में , लड़ने से पहले ही हार जाते हो !
ध्यान से सुनो ,कहते जगदीश ,
करते रहते गीता का पाठ, उतारते रहते आरती ।
पर न पहचाना मुझे ,न कभी मेरी बात मानी ,
सुनते रहते हो कथा सत्यनारायण की ,
पर सत्य को न स्वीकारने की जब तुमने है ठानी ,
तो मैं भी मजबूर हूँ , चाहे जितनी बार उतारो आरती
करना चाहता हूँ सहायता ,कैसे बनूँ तुम्हारा सारथी !
सोंचो ….
जिसको पूजते हो ,
क्या सरल था उनका जीवन ?
याद है न ! वह अंधेरी रात ,
वह यमुना का बढता पानी ।
कंस का वह कारागार ,
देवकी और यशोदा मैया की कहानी ।
प्रतिकूल हो समय
तो पहले बचना ,
जीने के लिए लड़ना ,
जीतने के लिए पीछे हटना !
रण में डटे रहना ,
और इन सबके बीच
खोखली सी लगने वाली
जिंदगी को बासुंरी बनाने के लिए ,
जीवन संगीत को गुनगुनाने के लिए ,
हर हाल में जीना जरूरी है ,
क्यों भूल जाते हो ?
तुम्हारी हर समस्या का समाधान ,
वह मंजिल , जो तुम्हें लगती है दूर
नहीं है उतनी दूर , उस तक पहुँचने को
एड़ी चोटी का जोर क्यों नहीं लगाते हो ?
जिंदगी से हारना अपराध है बड़ा ।
जीतना हो तो मैं हूँ हर पल साथ खड़ा ।
और दुखहर्ता, सुखकर्ता ,
तुम्हारे यह गणेश ,
सुनेंगे निश्चय ही तुम्हारी पुकार ।
तुम बताओ ,क्या तुम भी,
फिर सुनना चाहोगे ?
पार्वती सुत के ,
गजानन बनने की कहानी ?
नहीं समझे ? जन्मते ही जीने का ,
संघर्ष ही है जिंदगानी !
गिरधारी होना , नहीं है सरल बात ,
पर समस्याओं के पहाड़ को
चुनौती देना तो सीख ,
देख, फिर बनेगी तेरी,
हर बिगड़ी हुई बात ।
बनेगी हर बिगड़ी बात ।
सुमन शर्मा
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