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दौड़

  • Writer: Suman Sharma
    Suman Sharma
  • Jan 13, 2024
  • 1 min read

चलो , एक दौड लगाते हैं ..



बस, कार , ऑटो , टैक्सी

मेट्रो ,मोनो की ठेलम ठेल में

जिंदगी को दौड़ाते हो ,

कभी मोबाइल के गेम संग

कभी पी एस फोर कभी फाई

हर जगह रहती स्पीड हाई

चलो न ! एक दौड़ लगाते हैं !

एक दौड़ …

मिट्टी या रेतीले जमीं पर ,

बिना जूते , हरी हरी नर्म घास पर

जीतने के लिए नहीं मॅराथन

न कहीं पहुँचने के लिए ।

एक दौड , यह समझने के लिए कि

दौड़ने पर निकलता है पसीना

जाँचने को दिल की मजबूती ,

क्योंकि दौड़ने पर तेजी से

धड़कने लगता है न सीना ।


यह समझने को कि क्या

दौड़ कर अब भी

पकड़ी जा सकती है

वह छूटती हुई ट्रेन ।

एक दौड़ बचपन में सुनी हुई ,

कहानियों को दोहराने के लिए ।

कभी अच्छा धावक खरगोश ,

दौड़ कर भी क्यों बाजी हार जाता है !

धीमी गति से भी, दौड़ने के ज़ज्बे से

कछुआ कैसे दौड़ जीत जाता है !


एक दौड़ , हारे हुए खरगोश

को पुनः दौड़ाने के लिए ,

कछुए और खरगोश की

नई योजनाओं को , सही

अमली जामा पहनाने के लिए


चलो न ! दौड़ लगाते हैं ,

बचपने को जीने के लिए

जिंदादिली के जूनून को

दौड़ कर रसना सा पीने के लिए

चलो एक दौड़ लगाते हैं …

सुमन शर्मा











 
 
 

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2 Comments

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SAHAJ SHARMA
SAHAJ SHARMA
Jan 13, 2024
Rated 5 out of 5 stars.

wah kya baat hai

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Anurag sharma
Anurag sharma
Jan 13, 2024
Rated 5 out of 5 stars.

WW

Edited
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