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Mar 18, 20231 min read
पत्थर रोया !!
मानवता की मृत्यू देखकर, फूट-फूट कर पत्थर रोया । माथे से लग गिरा ज़मी पर, टूट गया, औ धीरज खोया। - सुमन शर्मा
Mar 18, 20231 min read
जीने की कला
जिदंगी है तो प्राण का, लय में धडकना है जरुरी । अनुकूल या प्रतिकूल हो पल, समभाव में रहना जरुरी । जीत का परचम जो प्यारा, स्वीकार हो फिर हार...
Mar 18, 20236 min read
जाल : मकड़जाल
पढ़ाई हो रही है या . .. I कौन सा लेक्चर है ? ब्रेक है न? ऐसा लगता है माँ हर वक्त उसके सिर पर मंडरा रही है। ." देख, विवान ! कितनी बार...
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