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ईद - गिर्द जो जीवन है,
उनको महका पाऊ,
चित भावों के इंद्रधनुष,
के रंगों को बिखराऊँ...
सु - मन खिले, कुंजी ऐसी,
जग को कुछ दे जाऊँ,
सहज सुमन के संदेशो से,
मन को समृद्ध बनाऊं...
- सुमन शर्मा
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